Monday 24 February 2014

खुशियों का सागर

तलाश में खुशियों की 
करते संघर्ष जीवन पर्यंत 
और कर लेते एकत्र 
दुखों का ढेर जीवन में.

लेकिन की जब तलाश 
खुशियों की अंतर्मन में, 
पाया विशाल सागर 
अनंत खुशियों का 
जिससे था अनभिज्ञ  
साथ रह कर भी.

...कैलाश शर्मा 

Monday 17 February 2014

संतुष्टि

असंयमित मन
उठा देता सुनामी 
जीवन में,
उत्तंग लहरें 
असीमित इच्छाओं की 
बहा ले जातीं साथ
सुख और शांति,
छोड़ जातीं महाविनाश 
असंतुष्टि का.

कितना कठिन 
सामना सुनामी का,
केवल दीवार 
संतुष्टि और विवेक की 
रोक पाती लहरें
मन के सुनामी की.

....कैलाश शर्मा 

Sunday 9 February 2014

भाग्य

होता है निर्भर 
अस्तित्व और उपलब्धि 
हमारी तीव्र इच्छा पर,
जैसी होती है इच्छा 
तदनुसार होते प्रयास 
उपलब्धि को वैसे ही कर्म.

जैसे होते हैं कर्म 
बन जाता भाग्य वैसा ही.

....कैलाश शर्मा 

Saturday 1 February 2014

खुशियाँ

जीवन का उद्देश्य 
प्राप्ति असीम सुख की,
दौड़ते रहते उसके पीछे।
बदल जाती परिभाषा सुख की
व्यक्ति व परिस्थिति अनुसार
लेकिन बदलता नहीं लक्ष्य।

होता है मष्तिष्क बचपन में 
पवित्र एवं इक्षुक सीखने का,
शीशे का एक रंगीन टुकड़ा 
और एक बहुमूल्य हीरा 
देता है समान ख़ुशी.

जैसे जैसे होता विस्तार 
मष्तिस्क और अनुभवों का,
बढ़ती जाती इच्छायें 
ऊंचे होते जाते लक्ष्य
बढ़ती जाती गांठें कुंठाओं की,
दूर होते जाते खुशियों से।

स्थिर करो मन एक लक्ष्य पर 
शून्य हो जायें सीमायें समय की,
विलीन हो जायेंगी चिंतायें
जब मुक्त हो जाओगे 
खोने या पाने के भय से।

....कैलाश शर्मा